Carona vaccine के पहले दौर के परीक्षण पर सफलता।।News update.
Covid 19 पूरे विश्व के लिये एक चुनोती है।एक ऐसी महामारी जिसने सभी देशो को अपनी चपेट में ले लिया है।लोगों में इसका ख़ौफ़ है क्यों क़ि अभी तक इस बीमारी की कोई vaccine नहीं बनी है।सभी बड़ी बेसब्री से करोना vaccine का इंतजार कर रहे हैं।Oxford पहले दौर का परीक्षण कर चूका है।सभी देश अपने अपने स्तर पर vaccine खोजने की कोशिश कर रहे हैं।
देश में लगातार करोना के मामले बड़ रहे हैं। ऐसे में ये खबर बहुत बड़ी खुश खबरी हो सकती है। भारत में बानी स्वदेशी वैक्सीन पर अच्छी खबर मिल रही है।इस वैक्सीन के अभी तक कोई side effect देखने को नहीं मिले हैं।इससे AMIS के वेज्ञानिको में खासा उत्साह है।
भारत में बहुत जल्दी American Oxford company की vaccine का भी ट्रायल होने वाला है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के अनुसार ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और ब्रिटिश फार्मा प्रमुख एस्ट्राजेनेका द्वारा अगस्त के अंत तक 5,000 भारतीय स्वयंसेवकों द्वारा विकसित कोविद -19 वैक्सीन उम्मीदवार का परीक्षण शुरू करेगा।
भारत बायोटेक की वैक्सीन को 15 जुलाई को दिल्ली के एक युवक को .5 मिलीलीटर की एक डोज़ दी गई।युवक अभी ठीक है। अभी तक जितने भी volintreal को करोना वैक्सीन दी गई है इन्हें एक एक डायरी भी दी गई है जिसमे उन्हें अपने शारीर में हो रहे परिवर्तन या किसी भी तरह की परेशानी होने पर लिखना है और डॉक्टर से सम्पर्क करना है।
किसी भी vaccine को देने के बाद का समय 15 से 20 दिन का होता है।इसके बाद उस ट्रायल से सम्बंधित सारी जानकारी को मेडिकल काउंसिल को बेजा जाता है उसके बाद ही दूसरे दौर के ट्रायल की मंजूरी मिलती है।
फ़िलहाल आ रहे नतीज़ों से एम्स के वैज्ञानिकों में उत्साह की लहार है।वो दिन दूर नहीं जब करोना वैक्सीन बन कर तैयार हो जायेगी।और इस भयानक महामारी को हम हरा सकेगें।
भारत बायोटेक की वैक्सीन को 15 जुलाई को दिल्ली के एक युवक को .5 मिलीलीटर की एक डोज़ दी गई।युवक अभी ठीक है। अभी तक जितने भी volintreal को करोना वैक्सीन दी गई है इन्हें एक एक डायरी भी दी गई है जिसमे उन्हें अपने शारीर में हो रहे परिवर्तन या किसी भी तरह की परेशानी होने पर लिखना है और डॉक्टर से सम्पर्क करना है।
किसी भी vaccine को देने के बाद का समय 15 से 20 दिन का होता है।इसके बाद उस ट्रायल से सम्बंधित सारी जानकारी को मेडिकल काउंसिल को बेजा जाता है उसके बाद ही दूसरे दौर के ट्रायल की मंजूरी मिलती है।
फ़िलहाल आ रहे नतीज़ों से एम्स के वैज्ञानिकों में उत्साह की लहार है।वो दिन दूर नहीं जब करोना वैक्सीन बन कर तैयार हो जायेगी।और इस भयानक महामारी को हम हरा सकेगें।
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