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गणेश चतुर्थी 2025 – क्यों मनाई जाती है | धार्मिक और सामाजिक महत्व

 

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गणेश चतुर्थी 2025 – क्यों मनाई जाती है | धार्मिक और सामाजिक महत्व।। 


गणेश चतुर्थी क्या है ?

भारत त्योहारों की भूमि है और गणेश चतुर्थी उनमें से एक प्रमुख पर्व है। यह भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। विशेषकर महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और गोवा में यह बहुत लोकप्रिय है। 


गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है?


यह पर्व भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। कथा के अनुसार –

* माता पार्वती ने अपने उबटन से गणेश जी को बनाया।
* भगवान शिव ने क्रोध में उनका सिर काट दिया।
* बाद में हाथी का सिर लगाकर उन्हें पुनर्जीवित किया गया।
* तभी से गणेश जी को **विघ्नहर्ता और प्रथम पूज्य देवता** माना जाता है।


गणेश चतुर्थी का धार्मिक महत्व। 

 1. प्रथम पूज्य देवता


हर शुभ कार्य की शुरुआत गणेश जी की पूजा से की जाती है।

2. ज्ञान और बुद्धि के देवता


विद्यार्थियों के लिए गणेश जी विशेष पूजनीय हैं।

3. दस दिवसीय उत्सव


गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक दस दिन पूजा-पाठ और भजन-कीर्तन होते हैं। 

 4. भक्ति और श्रद्धा


घर-घर और पंडालों में मूर्तियाँ स्थापित कर लोग श्रद्धा से पूजा करते हैं।


गणेश चतुर्थी का सामाजिक महत्व। 


 1. सामाजिक एकता और भाईचारा


यह पर्व लोगों को मिल-जुलकर उत्सव मनाने का अवसर देता है। 

 2. स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ाव

लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने 1893 में इसे सार्वजनिक रूप से मनाना शुरू किया।

 3. कला और संस्कृति का संरक्षण


इस दौरान झांकियाँ, संगीत, नाटक और सजावट से भारतीय परंपराएँ जीवित रहती हैं।

4. आर्थिक योगदान


कारीगरों, मूर्तिकारों, मिठाई विक्रेताओं और फूलवालों की आजीविका इससे जुड़ी होती है।


गणेश चतुर्थी और पर्यावरण

गणेश चतुर्थी हमारे देश का एक प्रमुख पर्व है जो भक्तिभाव और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग भगवान गणेश की प्रतिमाओं की स्थापना कर पूजन करते हैं। लेकिन आधुनिक समय में बड़ी-बड़ी प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) की मूर्तियों और रासायनिक रंगों का प्रयोग पर्यावरण के लिए हानिकारक सिद्ध हो रहा है। जब ये प्रतिमाएँ जल में विसर्जित की जाती हैं तो जल प्रदूषण बढ़ता है और जलीय जीवों को नुकसान पहुँचता है।

आज आवश्यकता है कि हम इस उत्सव को पर्यावरण–अनुकूल तरीके से मनाएँ। मिट्टी से बनी प्रतिमाएँ, प्राकृतिक रंग और घर पर छोटे पैमाने पर पूजा करने से हम प्रकृति को सुरक्षित रख सकते हैं। साथ ही कृत्रिम टैंकों में विसर्जन की परंपरा भी अपनाई जा सकती है। जब हम आस्था के साथ प्रकृति का संतुलन बनाएँगे, तभी गणेश चतुर्थी का वास्तविक आनंद और आशीर्वाद प्राप्त होगा।


निष्कर्ष

गणेश चतुर्थी केवल भगवान गणेश का जन्मोत्सव नहीं है, बल्कि यह "भक्ति, भाईचारा, संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण" का संदेश भी देता है. 


 🙋‍♀️ FAQs – गणेश चतुर्थी 2025


# Q1: गणेश चतुर्थी 2025 कब है?


**उत्तर:** 2025 में गणेश चतुर्थी 27 अगस्त, बुधवार को मनाई जाएगी।


# Q2: गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है?


**उत्तर:** यह पर्व भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।


# Q3: गणेशोत्सव कितने दिन का होता है?


**उत्तर:** यह पर्व 10 दिनों तक चलता है और अनंत चतुर्दशी के दिन विसर्जन के साथ समाप्त होता है।


# Q4: गणेश चतुर्थी का सामाजिक महत्व क्या है?


**उत्तर:** यह पर्व लोगों को एकजुट करता है, भाईचारा बढ़ाता है, संस्कृति का संरक्षण करता है और आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।


#Q5: गणेश चतुर्थी में पर्यावरण संरक्षण कैसे किया जा सकता है?


**उत्तर:** मिट्टी और प्राकृतिक रंगों से बनी पर्यावरण-अनुकूल मूर्तियाँ उपयोग करके प्रदूषण कम किया जा सकता है।


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