Harshd mahta हर्षद मेहता scam story -1992 4000 करोड़ रुपये का घोटाला जिस से शेयर मार्किट हिल गया था।News update.
नेशनल अवार्ड विनर फ़िल्म मेकर निर्देशक हंसल मेहता ले कर आ रहे हैं एक वेब सिरीज़ स्टॉक ब्रोकर हर्षद मेहता और उसके शेयर घोटाले को लेकर।
Web series का नाम है "Scam -1992 हर्षद मेहता स्टोरी " ये स्टोरी आधारित है भारत के उस शेयर घोटाले पर जिस से पूरा शेयर मार्किट हिल गया था।
वेब सीरिज की कहानी देवाशीष बसु और सुचेता दलाल की पुस्तक पर आधारित है। वेब सीरिज में 10 एपिसोड होंगे। इसमें हर्षद मेहता के घोटालो को करीब से दिखाया जायेगा क़ि कैसे उसने 4000 करोड़ रुपये का घोटाला कर के शेयर मार्किट को हिला डाला था। इस घोटाले की वजह से लाखो लोगो के पैसे डूब गए थे।
हर्षद मेहता के किरदार में प्रतीक गांधी नज़र आयेंगे। इसके अलावा फ़िल्म में अभिषेक बच्चन और एलियाना डिक्रूज भी है। इस वेब सीरिज में 170 से ज्यादा किरदार है।इस वेब सीरिज की शूटिंग 6 महीने तक चली है।200 से ज्यादा लोकेशन पर शूट किया गया है। amazon prime में दिखाया जायेगा।
Harshd mahta scam -1992
हर्षद मेहता का जन्म गुजरात के राजकोट में एक बिजनेस मेन फैमिली में हुआ था। Harshd mahta ने अपनी पढ़ाई ख़त्म कर के अपनी पहली नोकरी। new india insurance company मे बतौर सेल्स मैनेजर की थी।यही से इन्हे शेयर मार्किट के लिये दिलचस्पी हुई थी। मेहता ने शेयर मार्केट के सारे पैतरे सीखने के बाद 1984 में खुद की एक कंपनी शुरू की। उसने बोम्बे स्टॉक एक्सचेंग में एक broker के रूप में खुद को रजिस्टर भी करवाया था। हर्षद मेहता को "बिग बुल" भी कहा जाता था। उसने बुल रन शुरू किया था।
1990 के दशक तक कई बड़े इन्वेस्टर हर्षद मेहता की कंपनी में अपना पैसा लगाने लगे थे।हर्षद मेहता का नाम हर जगह लिया जाने लगा था।हर बड़े अख़बार और मैगज़ीन में मेहता की फ़ोटो छपने लगी थी। उसने जाली बैंक रसीद बना कर बैंको से लोन लियें और उस पैसे को शेयर मार्किट में लगाया । जब तक मार्किट प्रॉफिट में रहा किसी को खबर नहीं हुई लेकिन जब मार्किट डाउन गया और मेहता बैंको का पैसा वापिस नहीं कर पाया तब ये घोटाला सामने आया।
1992 में पत्रकार सुचेता दलाल ने इस घटाले का पर्दाफाश किया था।
1990 के दशक तक कई बड़े इन्वेस्टर हर्षद मेहता की कंपनी में अपना पैसा लगाने लगे थे।हर्षद मेहता का नाम हर जगह लिया जाने लगा था।हर बड़े अख़बार और मैगज़ीन में मेहता की फ़ोटो छपने लगी थी। उसने जाली बैंक रसीद बना कर बैंको से लोन लियें और उस पैसे को शेयर मार्किट में लगाया । जब तक मार्किट प्रॉफिट में रहा किसी को खबर नहीं हुई लेकिन जब मार्किट डाउन गया और मेहता बैंको का पैसा वापिस नहीं कर पाया तब ये घोटाला सामने आया।
1992 में पत्रकार सुचेता दलाल ने इस घटाले का पर्दाफाश किया था।
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